जमीन लीज पर दी है या भवन किराये पर उठाया है या निर्माणाधीन मकान खरीदने के लिए मासिक किस्त (ईएमआइ) अदा कर रहे हैं, तो जीएसटी चुकाना होगा।
एक जुलाई से वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) लागू होने पर यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। वैसे, जमीन और भवनों की बिक्री जीएसटी के दायरे से बाहर रहेगी। जमीन की खरीद पर पूर्व की तरह स्टांप ड्यूटी जारी रहेगी। बिजली भी जीएसटी से बाहर है।
केंद्रीय जीएसटी बिल के मुताबिक किसी भी तरह की लीज, किरायेदारी, भूमि पर कब्जे के लिए लाइसेंस पर जीएसटी लागू होगा। विधेयक में इन्हें सेवा आपूर्ति माना गया है। कारोबार की खातिर इमारत के पूरे या आधे हिस्से को लीज या किराये पर देने पर भी जीएसटी लगेगा। इन बिल्डिंगों में वाणिज्यिक, औद्योगिक और आवासीय परिसर शामिल हैं। जमीन और इमारत (निर्माणाधीन इमारत को छोड़कर) की बिक्री को न तो वस्तु न ही सेवा की आपूर्ति के तौर पर देखा जाएगा। लिहाजा इस पर जीएसटी नहीं लगेगा।