दो अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस टनल का उद्घाटन करेंगे। वहीं, टनल में अब किसी को भी आने-जाने की इजाजत नहीं है। टनल के आसपास सुरक्षा कड़ी की गई है। इसके निर्माण में विश्व की अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल हुआ है। कुल 19 किलोमीटर टनल का निर्माण किया गया है।
टनल की विशेषता
- टनल की कुल लंबाई नौ किलोमीटर है, जो कि एशिया में सबसे लंबा टनल है।
- अगर कोई दुर्घटना होती है तो टनल के साथ एस्केप टनल बनाया गया है। इस टनल से ही यात्रियों को बाहर निकला जाएगा।
- टनल में आयल टैंकर या फिर गैस टैंकर को चलने की इजाजत नहीं होगी।
- टनल के बीच एसओएस बनाए गए हैं। इनमें कोई भी समस्या आने पर यात्री तुरंत यहां बटन दबाकर कंट्रोल रूम को सूचित कर सकता है।
- टनल पूरी तरह से मानव रहित होगा और इसका पूरा संचालन कंट्रोल रूम से होगा।
- पर्यावरण को विशेष ध्यान रखा गया है। टनल के बाहर केवल स्वच्छ हवा ही जाएगी ताकि पर्यावरण प्रदूषित न हो।
- टनल के आने और जाने का एक ही रास्ता है।
- बारह हजार टन स्टील और पैंसठ लाख सीमेंट की बोरियां इस्तेमाल हुई हैं।