पूरी दुनिया को भारतीय सनातन संस्कृति से रूबरू कराने वाले दारा शिकोह की कब्र कहां है

जिस कब्र में कंकाल का सिर गायब हो, वहीं 360 साल से दफन है दारा शिकोह, एक्स-रे इमेज तकनीक की मदद से लगाएंगे पता

गीता और 52 उपनिषदों का पहली बार संस्कृत से फारसी में अनुवाद कर पूरी दुनिया को भारतीय सनातन संस्कृति से रूबरू कराने वाले दारा शिकोह की कब्र कहां है, ये उनकी मौत के 360 साल बाद भी रहस्य ही है।

भाई औरंगजेब ने दारा का सिर काटकर आगरा के किले में लटका दिया था

दारा शिकोह मुगल बादशाह शाहजहां के बाद दिल्ली की गद्दी के उत्तराधिकारी थे। दारा पर कट्‌टरपंथियों ने बुतपरस्त (मूर्तिपूजक) होने का आरोप लगाया। इसका फायदा उठाकर औरंगजेब ने विद्रोह किया और खुद बादशाह बन गया। 30 अगस्त, 1659 को दिल्ली में दारा शिकोह को मौत की सजा दी गई। दारा का सिर काटकर आगरा ले जाया गया और धड़ को दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के परिसर में दफनाया गया था।

दरअसल दारा ने ही पहली बार श्रीमद्भगवत गीता समेत 52 उपनिषदों का संस्कृत से फारसी में सिर्रे-अकबर (महान रहस्य) के नाम से अनुवाद किया था। 1801-02 में जब फ्रांसीसी दार्शनिक एंक्वेटिल डुपरॉन ने लेटिन भाषा में सिर्रे-अकबर का अनुवाद किया, तब दुनिया को भारतीय संस्कृति के बारे में विस्तार से पता चला।